मुद्दा - ए -भ्रष्टाचार
कम से कम आज हम कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार एक ऐसा मसला है जो सब की जुबान पर ही नहीं बल्कि सब की विचार चर्चा का हिस्सा बना हुआ है .
अब मैं अपनी कही बात का ही विरोध करता हूँ कि यह सच नहीं , अगर आप को जंचता नहीं तो यह पूरा सच तो कतई नहीं है .

चलो छोडो इस बात को और असली मुद्दे पर आते हैं कि वास्तव में भ्रष्टाचार है क्या ? मेरा कहने का मतलब क्या पैसे का लेन देन ही भ्रष्टाचार है ? अगर सभी के नहीं तो बहुतों के मन में भ्रष्टाचार का यही संकल्प है .

इस सारे मुद्दे से अभिप्राय यह है कि हम भ्रष्टाचार के पहलू को सीमत कर के न आंकें . जब हम इस के व्यापक सन्दर्भ को समझ लेंगे तो इस को जढ़ से उखाड़ने वाले पक्ष को भी उसी दिशा में में केन्द्रित कर पाएंगे .
भ्रष्टाचार के मुद्दे को इस रूप में समझना इस लिए भी जरूरी है कि हमारा मकसद तो इस अलामत से छुटकारा पाना है और वह तभी संभव है अगर हम किसी भी समस्या को उस के सही परिपेक्ष्य में पहचानें .
आपने सही कहा कि भ्रष्टाचार को सीमित दायरे न बाँधकर इसके व्यापक स्वरूप पर ध्यान देना पड़ेगा, तबी इसका निदान हो सकेगा।
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